दो पत्थरों की कहानी — Motivational Story in Hindi || Motivational Story Hindi
आज में आपकी सामने एक Short Motivational Story पेश कर रहा हूँ अच्छी लगे तो please share जरूर करे।
एक समय की बात है एक कलाकार अपने औजारों को लेकर जंगल की और जा रहा होता है तभी रास्ते मे उसे एक पत्थर दिखाई देता है और कलाकार सोचता है क्यों ना इस सुंदर से पत्थर से में एक मूर्त्ति बनाऊ और फिर वो अपने औजार थैले से निकलता है और उस पत्थर को तराशना शुरू कर देता है कुछ देर तक तराशने के बाद उस पत्थर में से आवाज आती है।
अरे भाई माफ करो मुझे छोड़ दो मुझे दर्द होता है तभी कलाकार उस पत्थर को छोड़ कर आगे चल पड़ता है तभी आगे चलते वक़्त उसे रास्ते मे एक और सुंदर सा पत्थर दिखाई देता है और फिर कलाकार अपने थैले में से अपने औजार बाहर निकलता है और मूर्त्ति को तराशना शुरू कर देता है और फिर कलाकार इतनी सुंदर मूर्त्ति बनता है जोकि बिल्कुल असलियत जैसी दिखाई देती है।
फिर कलाकार मूर्ति को वही छोड़ कर आगे की ओर चल देता है और फिर कलाकार एक गाँव मे पहुँच जाता है और वहाँ पर कलाकार को एक मंदिर दिखाई देता है पर उसमे मूर्त्ति नही थी तभी कलाकार वहाँ के सरपंच को बताता है कि मूर्ति की चिंता न करे उसका इंतज़ाम का कर दूंगा तभी कलाकार गाँव वालों को जंगल को उसी रास्ते पर जाने को कहता है जहाँ पर कलाकार ने मूर्त्ति को तराशा था।
गाँव के कुछ आदमी जाकर उस मूर्त्ति को लाकर मंदिर में स्थापित कर देते है और फिर सभी लोग आते है मूर्त्ति के सामने अपना सिर झुकाते है और मनन्त मांगते है तभी सरपंच जी सोचते है कि मंदिर के बाहर नारियल तोड़ने के लिए भी कुछ होना चाहिए तभी कलाकार सरपंच जी को पहले वाले पत्थर को लाने के लिए कहता है जिसे कलाकार पहले मूर्त्ति बनाना चाहता था।
तभी कुछ लोगो जाकर उस पत्थर को लाकर मंदिर के भर रख देते है जिस पर सभी लोग नारियल तोड़ते है। तभी एक दिन पत्थर मूर्त्ति वाले पत्थर से बोलता है कि वाह! तेरी भी क्या किस्मत है तेरे सामने सब सिर झुकाते है और मेरे ऊपर नारियल तोड़ते है तभी दूसरा पत्थर जवाब देता है अगर तूने दर्द शाहा होता तो तू आज मेरी जगह बैठा होता।
दोस्तों इस कहानी से हमे ये सिख मिलती है कि जिंन्दगी में सफलता उसे ही मिलती है जो अपनी ज़िन्दगी के दुखों को हस्स कर सहन करता है वही life में कुछ बड़ा करता है।